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    प्राचार्य

    प्राचार्य

    केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक 01 श्रीनगर कश्मीर घाटी का सबसे पुराना और सबसे बड़ा केन्द्रीय विद्यालय है। इसकी स्थापना वर्ष 1967 ई. में हुई थी। तब से लेकर आज तक यह शिक्षा के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है।
    इसकी भौगोलिक स्थिति अत्यंत मनोरम है, इसके दाहिनी ओर प्रसिद्ध झेलम नदी बहती है, जबकि सामने जबरवान पर्वत श्रृंखला फैली हुई है, जिसके परिसर से प्रसिद्ध शंकराचार्य का मंदिर दिखाई देता है। इसके ठीक सामने से देश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH.44) गुजरता है. केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक 01 श्रीनगर, केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा स्थापित उद्देश्यों को निरंतर पूरा कर रहा है – छात्रों में राष्ट्रीय एकता और भारतीयता की भावना विकसित करना और
    भारत सरकार के स्थानांतरित कर्मचारियों के बच्चों को निर्बाध एवं उचित शिक्षा प्रदान करना। गौरतलब है कि इस स्कूल में केंद्रीय कर्मचारियों के साथ-साथ राज्य सरकार के कर्मचारियों और स्थानीय बच्चों को भी दाखिला मिलता है। जिसके कारण यहां की कक्षाओं में विभिन्न संस्कृतियों का मिश्रण होता है, यहां की प्रत्येक कक्षा विविधतापूर्ण भारत का परिचय देते हुए विविधता में एकता का संदेश दे रही है। यह विद्यालय बाल वाटिका (प्री प्राइमरी) से बारहवीं तक की कक्षाएं संचालित करता है। यहां सीनियर सेकेंडरी स्तर (ग्यारहवीं और बारहवीं) में तीनों कक्षाओं: कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय में प्रवेश दिया जाता है। यहां राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है, जो 21वीं सदी की चुनौतियों और कौशल को भलीभांति समझते हैं और उसी के अनुरूप छात्रों में नेतृत्व कौशल विकसित करते हैं ताकि वे भविष्य में आदर्श नागरिक बन सकें और दुनिया का नेतृत्व कर सकें।
    शुभकामना सहित
    प्रधानाचार्य
    केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक 01
    श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर